पीर बन गई पहाड़
अब तो इसको पिघलना चाहिए। इस हिमालय से अब कोई गंगा निकलनी चाहिए। यह काव्यांश, कविड 19 के लिए एक दम सार्थक है।
मैंने अपने पहले लेख में इस महामारी के भयावह रूप की एक जीवित दृश्य की एक झलक दिखाने की कोशिश की थी कि किस तरह दिल्ली और मुंबई में स्वास्थ्य बीवास्था चरमरा गई है। कुछ आंकड़े जो सामने आए है, उनसे तो मन और घबरा उठा है। अभी दिल्ली में इस महामारी के लिए दस हजार बेड की उपलब्धता है परन्तु अगले 20 दिनों में इसे अस्सी हजार में बदलने कि कवायत चल रही है, जो सरकार और प्रशासन दोनों के लिए एक चुनौती है।
मुंबई में लगभग 95% वेंटिलेटर और 99% आई सी यू भर चुके है, दिल्ली में हर घंटे लगभग दो लोगो की मौत हो रही है, अब सरकार और अस्पताल प्रशासन यह निर्णय लेने के लिए मजबूर है कि केवल गंभीर रूप से जो बीमार है उनको ही अस्पताल में भर्ती की जाए, और जिनके पास हल्के फुल्के लक्षण है वो घर पर ही रह कर अपना स्वास्थ्य लाभ ले।
मुंबई में यह संक्रमण स्लम (झोप़ड़ पट्टियां) में तेजी से फैल चुकी है, और दिल्ली में भी झोपड़पट्टियां में अपना पैर पसारने को तैयार है, जिसकी डर सरकार के साथ आम जनता को भी सता रही है। हमारे उत्तर प्रदेश, झारखंड , बिहार की हालत भी जब से अनलॉक 1 हुई है, स्तिथि नाज़ुक सी हो गई है, यहां आए प्रवासी श्रमिकों की हालत और चिंताजनक है, उनके लिए निम्नांकित पंक्तियां उनके दर्द भरी अलंकार से कम नहीं है ।
“जब बाहर कमाने गए तो भैया बन गए । और जब अपने घर आए तो मुंबईया बन गए”
अपनों ने भी अब मुंह मोड़ा। जब से है नौकरी छूटा। क्योंकि जिनके थे हम भैया , अब वो भी कहते हमको मुंबईया।
रोटी, कपड़ा और मकान एक फिल्म आई थी दशकों पहले आज फिर मुझे उसकी याद सताने लगी। आज फिर मुझे अपनी घर कि रोटी की याद आने लगी।
Very nice lines. Mahamari me maanviya pehluo ko chhute hue.
Good.
Gud job covid 19ko lekar logo ko jagruk Karna bhuat achi hai thank you so much aur bhaut Achi achi batey batai hai ese padkar Acha laga
देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी इस कोरोना महामारी ने, कइयों के रोजगार तक जा चुके हैं, देश की आर्थिक स्थिति भी ख़राब हो रही।बीमारी का फैलाव अभी भी तेजी से हो रहा, सरकार इसे रोक पाने में असमर्थ दिख रही।कोरोना महामारी पर आपके द्वारा पोस्ट की गयी जानकारी एकदम सराहनीय है डॉ राकेश।
Kbhi Socha na tha ki aaj yesi halat dekhne ko milenge,jindgi Jine ke liye
aaj ke halatoo se larne parenge ! Bilkul sahi kha aapne sir
Nice initiative ……..
Very nice lines
Very nice
True words…….
Very nice initiative bhaiya…….