पीर बन गई पहाड़

जब बाहर कमाने गए तो भैया बन गए ।  और जब अपने घर आए तो मुंबईया बन गए”
अपनों ने भी अब मुंह मोड़ा।   जब से है नौकरी छूटा।  क्योंकि जिनके थे हम भैया , अब वो भी कहते हमको मुंबईया।