एक पेड़ एक जीवन
एक पेड़ एक जीवन, ये शब्द जितने सरल हैं उतने ही मूल्यवान। सरल इसलिए क्योंकि अगर कोई इंसान ये चाह ले की उसे पेड़ लगाना है तो रास्ते अपने आप ही बनते चले जाते हैं। मूल्यवान इसलिए क्योंकि पेड़ के बिना तो हमारा कोई अस्तित्व ही नहीं।
ये कहानी है अविनाश की जो बिहार राज्य के एक मध्यम वर्गीय परिवार में पले बढ़े। सभी भाइयों में बड़े होने के कारण जिम्दारियों को बखूबी निभाया। आज वो अपनी मेहनत और लगन से एक सम्मान जनक पद पर कार्यरत हैं और अपने परिवार के साथ अच्छे से अपना जीवन यापन कर रहें।
सामान्यतः सामाजिक और पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने में सपनों को जगह नही मिल पाती। मन के कोने में दब कर रह जाती है। कई बार तो सपने बस सपने बन कर ही रह जाते हैं। अविनाश ने अपनी जिम्दारियों को तो प्राथमिकता दी लेकिन अपने सपने को भूला नहीं। बल्कि अपने सपने में अपने मित्रों और अपने पांच वर्ष के बेटे को भी सम्मिलित कर लिया।
अविनाश के सपने बहुत बड़े नहीं हैं, वह तो मिट्टी से जुड़े इंसान हैं और उनके सपने भी। अविनाश के पास जब भी थोड़ा समय होता वह राजमार्ग और सड़कों के किनारे पौधे लगाने निकल पड़ते। अपने घर के आस पास की गलियों में उग आए छोटे पौधों को निकालकर उसे सुरक्षित स्थान पर लगाना अविनाश के लिए इतना रुचिकर बनता चला गया की उन्होंने इसे एक अभियान का रूप दे दिया। “एक पेड़ एक जीवन” को अपने जीवन शैली में अपनाया।
इस अभियान के अंतर्गत उन्होंने कई पेड़ लगाए और कई लोग भी जुड़ते चले गए। Dare Desk अपने सभी पाठकों से अपील करता है कि आप सब भी अपने जीवन में कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाएँ और इस अभियान को आगे बढ़ाएं।
Nice job
Tree is our lifeline
प्रेरणादायक story बन गयी ये कहानी तो… well धन्यवाद..😊
Very valuable work 👌🙌 keep it up