मीनाबेन की रोटी

बड़ोदरा की मीनाबेन एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थी फिर उन्हें लगा कि उन्हें अपना खुद का कोई व्यवसाय करना चाहिए ।

बहुत सोच समझकर उन्होंने रोटी बेचने का व्यवसाय करने का सोचा उन्होंने सर्वे किया कि बड़ोदरा के इंडस्ट्रियल एरिया में बहुत सी फैक्ट्रियों में कैंटीन है लेकिन उन कैंटीन के लोग खुद रोटी बनाना नहीं चाहते और चाहते हैं कि बहुत अच्छी रोटी अगर उन्हें कहीं से मिले तो वह बनी बनाई रोटी देना पसंद करेंगे उसके अलावा उन्होंने कई रेस्टोरेंट और कई हॉस्टल इत्यादि का पूरा सर्वे किया बहुत से पीजी का भी सर्वे किया।

उसके बाद उन्होंने बड़ोदरा के जिला उद्योग केंद्र से 7 लाख रुपये  का लोन लिया और रोटी बनाने का व्यवसाय चालू किया।

वह बहुत अच्छी क्वालिटी की रोटी बनाती थी धीरे-धीरे उनका व्यवसाय चल निकला।

उन्होंने अब दो  ऑटोमेटिक मशीन बना ले लिया है साथ ही उन्होंने 20 महिलाओं को रोजगार दिया है 1.80 रुपए में कस्टमर के घर तक रोटी डिलीवरी करती हैं और यदि कोई उनके यूनिट से रोटी लेकर जाता है तब यह 1.70 रुपये   चार्ज करती हैं।

आज उन्होंने 30 लाख रुपए का वार्षिक टर्नओवर सिर्फ 1 साल में टच कर लिया है अब उनका टारगेट थेपला पराठा सब्जी अचार इत्यादि बनाने का है।

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